कभी चालाकी कभी धोखा है , कमबख्त इस इश्क में रखा क्या है ।। रातों की नींद भी हराम , न कोई काज न कोई काम , हर वक्त बस यादों का ट्रैफिक जाम , समझ न आए ये इसकी अदा क्या है , कमबख्त इस इश्क में रखा क्या है ।। मैंने किया नहीं मुझसे सरजद्द हो गई , इस मोहब्बत वाली भी हद्द हो गई , ज़िंदगी भी जग से अलग हो गई , तुमने भी स्वाद इसका चखा क्या है , कमबख्त इस इश्क में रखा क्या है ।। बेवजह की परेशानियां ही हैं बस , फालतू की नादानियां ही हैं बस , बेकार की किस्से कहानियां ही हैं बस , के इश्क का दूसरा नाम खुदा है , कमबख्त इस इश्क में रखा क्या है ।। somi ©#Somi kya rakha h #somi #Hindi #New #story #Dark