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तेरे जाने के बाद गजब का वीरान हुआ है मेरा शहर *

तेरे जाने के बाद गजब  का वीरान हुआ है   मेरा शहर *
पता नही क्यु वो कैलाश की चाय अब मीठी नही लगती|
तेरे साथ खाता था समौसे तो अच्छे लगते थे|
पर अब उसकी चटनी खटटी नही लगती
वो क्या दिन थे जब गलियां भूलकर भी घरपहुच जाते थे| 
और अब सीधे रास्तो से भी मंजिल नही मिलती|
 बहुत दिनो से बरसेनही बादल #मेरे शहर मे
आओ तो बरस जाऐगे ये 
क्युकी अब इन खण्डरो की धूल अच्छी नही लगती| #MeraShehar #u r in heaven #my friend
तेरे जाने के बाद गजब  का वीरान हुआ है   मेरा शहर *
पता नही क्यु वो कैलाश की चाय अब मीठी नही लगती|
तेरे साथ खाता था समौसे तो अच्छे लगते थे|
पर अब उसकी चटनी खटटी नही लगती
वो क्या दिन थे जब गलियां भूलकर भी घरपहुच जाते थे| 
और अब सीधे रास्तो से भी मंजिल नही मिलती|
 बहुत दिनो से बरसेनही बादल #मेरे शहर मे
आओ तो बरस जाऐगे ये 
क्युकी अब इन खण्डरो की धूल अच्छी नही लगती| #MeraShehar #u r in heaven #my friend