वो कभी कभी.. अश्रु बनकर.. एक अनमोल मोती की तरह.. दिल में बस जाते है! मैं अश्रु को नकारात्मक नहीं समझती.. क्यूँ की.. मेरी एक एक अश्रु की बूंद.. मेरी हिम्मत की मोतियों की हार बन जाता है.! कभी भी रोना चाहते हो तो.. खूब रोना.. मगर रोने के बाद.. खुद को... हिम्मतवार बनाना मत भूलना ..❤️