क्या लिखूँ जिनके लिए लिखूं उन्हीं को बचा नहीं पा रहें। फिर किसके लिए लिखूं। आज़ एक सांस रुक गई क्यों रूकी कैसे रूकी लिखूं तों लिखता हूं, रोना मत अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं, ऑक्सीजन नहीं ओर तों और ऑक्सीजन मशीन भी ख़राब थी सांस-सांस के लिए तड़प रहा था गुब्बारे से ऑक्सीजन देकर 48 घंटे जिंदा रखा लेकिन सब थक गए लेकिन मेडिकल सुविधाएं नहीं मिली आखिर सांसें रूक ही गई। छोड़ गया 10 महीने के दो जुड़वां बच्चों को। 😢😭अब क्या लिखूं मेरी क़लम भी रोने लग गई 😢😭 ©U S FAUJI आज़ क़लम भी लिखते-लिखते रोने लगीं #क्या_लिखूं #nojotohindi #Nojoto #nojotonews #PrimeMinister #PoetInYou dilon ki mallika सत्यप्रेम