गाँव की याद कुछ यूँ आ रही है। हर चीज़ ही अब दूर जा रही है।। दादा-दादी से कहानी सुनते रहना। हमेशा ही उनकी देखभाल करना।। खेतों में गेहूँ के फ़सल कट रहे होंगे। कहीं पटवन हेतू रहट चल रहे होंगे।। महुआ का वो पेड़, लटकते हुए आम। सुबह में डाल-पात, गुलिडण्डा शाम।। चरती हुईं गायें, वो विचरते हुए भैड़। झड़ते हुए पत्ते, रंग बदलते हुए पेड़।। दोस्तों के साथ खेलना, छत पर सोना। आँधी आ जाने पर बिस्तर नीचे ढोना।। चने के खेत से, जाकर चना उखाड़ना। खेलने जाने के लिए दोस्त को पुकारना।। कुल्फ़ी वाले का आना, बर्फ़ देकर जाना। बर्फ़ ख़त्म हो जाने पर भी डंटी चबाना।। गाँव घर की शादी, वो पत्तल पर खाना। दोस्तों के साथ मिलकर मौज उड़ाना।। गाँव घर में ढेर सारे, मेहमानों का आना अजनबी रिस्तेदारो को परिचित कराना।। #yqdidi #yqbaba #yqlove #gaav #गाँव #गाँव_की_यादें #छूटता_हुआ_बचपन #nirajnandini गाँव की याद कुछ यूँ आ रही है। हर चीज़ ही अब दूर जा रही है।। दादा-दादी से कहानी सुनते रहना। हमेशा ही उनकी देखभाल करना।।