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लिखी नहीं वो कविता अब तक जो उमड़ी थी चंचल हृदय में

लिखी नहीं वो कविता अब तक
जो उमड़ी थी चंचल हृदय में
उस दिन उस क्षण उसे देख अचानक
लगा कह दूँ या लिख दूँ मन का राग
पर सहम गई कहीं खुल ना जाये दिल का राज़ #napowrimo का आज पहला दिन है। लिखें उस कविता के बारे में जो अब तक लिखी न जा सकी है।
#collab #कवितालिखीनहीं  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
लिखी नहीं वो कविता अब तक
जो उमड़ी थी चंचल हृदय में
उस दिन उस क्षण उसे देख अचानक
लगा कह दूँ या लिख दूँ मन का राग
पर सहम गई कहीं खुल ना जाये दिल का राज़ #napowrimo का आज पहला दिन है। लिखें उस कविता के बारे में जो अब तक लिखी न जा सकी है।
#collab #कवितालिखीनहीं  #YourQuoteAndMine
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