मन के सूने आँगन में,एक बात उभरती रहती है। बिखरे रि

मन के सूने आँगन में,एक बात उभरती रहती है।
बिखरे रिश्ते की एक कहानी,मुझसे कहती रहती है।

ख़्वाब सँजोये थे बचपन में मिलकर साथ रहेंगे सब।
बचपन बीता भूल गए सब,अपनी आपा धापी में।

खाने और कमाने में ही,जीवन खपा रहे हैं अब।
एहसासों की क़दर नही है,कोरी अकड़ दिखाते सब।

धन आधारित जीवन शैली,अभिमान नशे में चूर हुए।
टुकड़े टुकड़े परिवारों के करने को मजबूर हुए।

जंगल ज़ज़्बातो के उजड़े,हृदय हुए बंजर सबके।
जाने कब बादल बरसेंगे,प्रेम सुधा को मन तरसे। #collabwithकोराकाग़ज़
#कोराकाग़ज़
#हमलिखतेरहेंगे
#गुलिस्ताँ
#yqdidi
#yqbaba       #YourQuoteAndMine
Collaborating with Shelly Jaggi
मन के सूने आँगन में,एक बात उभरती रहती है।
बिखरे रिश्ते की एक कहानी,मुझसे कहती रहती है।

ख़्वाब सँजोये थे बचपन में मिलकर साथ रहेंगे सब।
बचपन बीता भूल गए सब,अपनी आपा धापी में।

खाने और कमाने में ही,जीवन खपा रहे हैं अब।
एहसासों की क़दर नही है,कोरी अकड़ दिखाते सब।

धन आधारित जीवन शैली,अभिमान नशे में चूर हुए।
टुकड़े टुकड़े परिवारों के करने को मजबूर हुए।

जंगल ज़ज़्बातो के उजड़े,हृदय हुए बंजर सबके।
जाने कब बादल बरसेंगे,प्रेम सुधा को मन तरसे। #collabwithकोराकाग़ज़
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