तुम्हारी शहादत से आजाद हूं मै,जो गुलामी में जिया करता था। आज भी वो ही हिन्दुस्तान हूं मै,जिसमें वीरो का लहू बहा करता था। इस आजादी के लिए शुक्रगुजार हूं तुम्हारा भगत,जो जीने को भी एक गुनाह समझा करता था। विकास सांखला शहादत