अगर वो होता तो ग़म मुझे छू भी नहीं पाता, ऐ दिल ,बेसबब ग़ैर ख़ातिर रोया नहीं जाता! हुस्न वालों का अब यक़ीन करना भी मुश्किल है इस तरह मस्त अदा से भला है कौन बुलाता! कविराज अनुराग #Vo_mulakatein