#OpenPoetry तुम चाय का आख़िरी घूंट क्यों छोड़ देते हो ? वो कहता है: उस आख़िरी घूंट पे किसी और का हक़ है एक दिन न चाय अधूरी रहेगी, न हम -Internet Jockey तुम चाय का आख़िरी घूंट क्यों छोड़ देते हो ? वो कहता है: उस आख़िरी घूंट पे किसी और का हक़ है एक दिन न चाय अधूरी रहेगी, न हम