#FourLinePoetry उग रहा है दर-ओ-दीवार से सब्ज़ः ग़ालिब हम बयाबाँ में हैं और घर में बहार आई है मिर्ज़ा ग़ालिब। मन से। ©, #fourlinepoetry sad shayari in hindi Sushant Singh Rajput