अगर धारा को सागर सा विशाल होना है तो अपने अस्तित्व को सागर को समर्पित करना होगा अगर सागर को निर्मल होना है तो अपने अस्तित्व को समर्पित कर भांप बना होगा अगर भांप को फिर धरा से मिलना है तो अपने अस्तिव को समर्पित कर धारा बना होगा ये पूरा खेल समर्पण का है अगर मनुष्य को प्रेम का अर्थ समझना है तो पहले खुद को प्रेम में समर्पित करना होगा #Morning #सागर #समंदर #प्रेम #मनुष्य #समर्पित #धारा #धरा