मैंने दरख़्तो को भी तालाशा मगर वो छांव ही ना मिली मैंने पत्थरो को भी ताराशा मगर वो मूरत ही ना बनी, कभी अकेले भी चलें इन राहों पर हम कभी चाहा भी दरिया पार करना तो कमबक्त कश्ति ही ना मिली ,,,,,, अरमान अहमद @unkaha_sa #DieTree #Tanhamusafir