-------◆◆#एक #ख्वाब◆◆------ देखा तुझे एक ख्वाव में,, हकीकत लगा कि तू आई है,,,, आंखे बंद थी मेरी जब,,, देखी तेरी एक परछाई है,,,, आकर कहा उसने क्या रोज सोते हो,,, करके हमें बेचैन क्यूँ छुपके रोते हो,,, छलक तेरी आँखों की जब हम देख लेते हैं,,,, हजारों ख्वाइशें मन में यूँ समेट लेते हैं,,, मिलकर तुझे एक पल बाकी रही तन्हाई है,,,, आँखे बंद थी मेरी ,जब तेरी याद आई है,,,, वक्त बीता ही था कुछ तेरे साथ रहने का,,, मन हो गया मेरा तेरे ख्वाबों में जगने का,,, डर था कि आहट से आँख खुल नहीं जाए,,,, वो खूबसूरत सी मूरत ओझल हो नहीं जाए,,,, सोचा था इसे मैंने ,जो आँख भर सी आई है,,,,, हकीकत ना सही लेकिन तू मेरे पास आई है,,, -----दीपक शर्मा,,,,,✍️✍️✍️ -----#एक #ख्वाब----