Nojoto: Largest Storytelling Platform

धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह। जैसी परे सो सहि

धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह।

जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह।।5।।

तरुवर फल नहि खात है, सरवर पियत न पान।

कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहिं सुजान।।3।।

©Arpit Singh
  #doha