फ़ितरत कुछ ऐसी रही, लूटने की लालच मन में जलन ही पली!औरों को गिराने की इच्छा, नफ़रत ही नफ़रत दिल में जङी,जैसे जैसे उम्र बढ़ी, मुखौटे और बदलती रही,चमक तो ऐसे चहरे पर जैसे खुशियां ही भीतर बसी,अक्सर दिखाने के चक्कर में, इतना आगे बढ़ गए फ़ितरत की किस्मत से जंग सी छिड़ गयी, मिला ना कुछ इस दिखावटी सी दुनियां में, बस अपने अंदर की इंसानियत को भूल गयी, ज्यादा पाने की चाहत आज सब से दूर और ख़ुद को अंदर से मार गई!! 🎀 Challenge-413 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 फ़ितरत एक उर्दू शब्द है जिसका अर्थ होता है प्रकृति, स्वभाव, आदत, उत्पत्ति, पैदाइश, धूर्तता, चालाकी, शरारत। 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।