मृगजालिका में फँस रहा है हिरन की तरहा हर कोई मृगतृष्णा इस जीवन को समझ नहीं पाया है कोई मृगजल के भांति क्यों पिये जा रहा है तू हलाहल मृगजीवन है ये 'सफ़र' क्यों समझता नहीं है कोई प्रतियोगिता संख्या 26 का शीर्षक है मृगतृष्णा जिसका अर्थ होता है मृगतृषा इसको मृग मरीचिका के नाम से भी जानते हैं, ऐसी तृष्णा जो प्रायः संभव नहीं होती।।mirage,fata morgana मर्यादित शब्दों का प्रयोग करें आपको आपकी रचना लिखने के बाद कमेंट में Done लिखना आवश्यक है समय सीमा आज शाम 7:00 बजे तक है टेस्टिमोनियल उपहार स्वरूप प्रदान की जाएंगे #YourQuoteAndMine Collaborating with Kavya Abhinandan #yqbaba #yqdidi #yqphilosophy #yqtales #musingtime #yqthoughts #quoteoftheday