Nojoto: Largest Storytelling Platform

ख्वाब में भी अब उनका बसेरा नहीं। जागते हैं पर वो स

ख्वाब में भी अब उनका बसेरा नहीं।
जागते हैं पर वो सवेरा नहीं
वो सड़कें ये राहे सब सुनसान हैं।
दिल की गलियाँ पड़ी आज वीरान हैं।
बाँहे फैलाये अब भी हूँ मैं खड़ा।
उनकी बाँहों का पर अब वो घेरा नहीं।
भीड़ में भी तन्हाई का आलम सा है।
दिल की गलियों में छाया एक मातम सा है।
उनकी गलियाँ वो महलेँ सब गुलज़ार हैं।
मेरे हिस्से में आया फ़िर सेहरा वही।
जागते हैं पर वो सवेरा नहीं।।।

 - क्रांति #ख़्वाब #तुम #मातम #क्रांति
ख्वाब में भी अब उनका बसेरा नहीं।
जागते हैं पर वो सवेरा नहीं
वो सड़कें ये राहे सब सुनसान हैं।
दिल की गलियाँ पड़ी आज वीरान हैं।
बाँहे फैलाये अब भी हूँ मैं खड़ा।
उनकी बाँहों का पर अब वो घेरा नहीं।
भीड़ में भी तन्हाई का आलम सा है।
दिल की गलियों में छाया एक मातम सा है।
उनकी गलियाँ वो महलेँ सब गुलज़ार हैं।
मेरे हिस्से में आया फ़िर सेहरा वही।
जागते हैं पर वो सवेरा नहीं।।।

 - क्रांति #ख़्वाब #तुम #मातम #क्रांति