...✍️ "सुधियों की निधि" सुधियों के झरोखे से शीतल मंद पवन छू गई मेरे अंतर को दे गई एक सन्देश झूठा तुम्हारे आने का भोर भी यूँ ही मधुर बयार लाती है मेरे आँगन में और मैं घन्टों बैठी रहती हूँ झरोखे के पास दूर तक तुम्हारी राह निहारते फिर सांझ का उदास बादल हौले से कह जाता है कान में कि.. कि तुम नहीं आओगे आज भी तब तब...तुम्हारी सुधियों की निधि को कुं कुं पत्री सा आया समझ कर संजो लेती हूँ अपनी जीवन पेटी में 🌹 दीप ©Deepa M Khetawat सुधियों की निधि #SunSet