मालूम है मेरा दिल आज-कल क्यों उदास रहता है, आज कल शहरों में भी कहां ज्यादा छॉव रहता है ! मैं हमेसा शीतल रहने की सोचता हुं मेरे दोस्त, क्यों की मेरे अंदर भी एक छोटा सा गॉव रहता है !! मैं भागता नहीं कभी शहर के बाजार में, मैं जागता नहीं किसी अप्सरा के इंतजार में ! मेरा तो माँ के आँचल में ही मेरा पाँव रहता है, क्यों की मेरे अंदर भी एक छोटा सा गॉव रहता है !! मैं पढ़ने बैठता हुं लालटेन की मध्यम-मध्यम रौशनी में, हमारे यहां बिजली नहीं है जैसे शहर के कॉलिनी में! पर उसी रौशनी में कुछ कर गुजरने का रुआब रहता है, क्यों की मेरे अंदर भी एक छोटा सा गॉव रहता है !! यहां सभी एक दुसरे के काम में हाथ बटाते हैं, शहर में तो एक दुसरे को पहचान न पाते हैं ! हमारे यहां कभी न किसी से मनमुटाव रहता है ! क्यों की मेरे अंदर भी एक छोटा सा गॉव रहता है !! :- संतोष 'साग़र' #village #love #nojoto_video #nojoto_joks #nojoto_pic आखरी_सफर _writes