तुम हो स्वयं संजीवनी और अमिय की धार हो। तुमसे ही खुशियाँ हैं सभी तुम ही मेरा प्यार हो। चाहत को मेरी हमनवां मत आजमाना तू कभी! तुमसे ही जीवन प्राण हैं तुम ही मेरा संसार हो। तुम हो स्वयं संजीवनी और अमिय की धार हो। तुमसे ही खुशियाँ हैं सभी तुम ही मेरा प्यार हो। चाहत को मेरी हमनवां मत आजमाना तू कभी! तुमसे ही जीवन प्राण हैं तुम ही मेरा संसार हो। ©दिव्यांशु पाठक ............................ ♥️ Challenge-706 #collabwithकोराकाग़ज़ #पाठकपुराण #तुमसेहीख़ुशियाँ #KKC706 #yqdidi #yqbaba #कोराकाग़ज़ #YourQuoteAndMine