Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैँ जैसा भी हूँ , वैसा ही स्वीकार करो , चाहे मुझे

मैँ जैसा भी हूँ , वैसा ही स्वीकार करो ,
चाहे मुझे ठुकरा दो य़ा प्यार करो ......
मैँ वास्त्विकता को क्यों बदलूँ , 
मैँ जैसा अन्दर हूँ वैसा ही बाहर से हूँ ,
क्यों झूठ का इजहार करूँ .............


अगर किसमत में होगे तो मिल ही जाओगे,
झूठ के रास्ते की क्यों दरकार करूँ ........
  Accept as it is...
मैँ जैसा भी हूँ , वैसा ही स्वीकार करो ,
चाहे मुझे ठुकरा दो य़ा प्यार करो ......
मैँ वास्त्विकता को क्यों बदलूँ , 
मैँ जैसा अन्दर हूँ वैसा ही बाहर से हूँ ,
क्यों झूठ का इजहार करूँ .............


अगर किसमत में होगे तो मिल ही जाओगे,
झूठ के रास्ते की क्यों दरकार करूँ ........
  Accept as it is...

Accept as it is...