तोड़ कर दिल मेरा वो, कहीं और बस रहे थे, सोच कर हमे खूब हंस रहे थे, उन्हे इल्म भी नही था, वो भी कहीं बुरे फंस रहे थे, हमने भी दिल को था वक्त रहते समझाना, थोड़ा नादान हुआ था, आगे बहुत कुछ है निभाना,© तोड़ कर दिल मेरा वो, कहीं और बस रहे थे, सोच कर हमे खूब हंस रहे थे, ✍️✍️💔