चक्की के दो पाटो के बिच अनाज इसलिए पिस जाता है क्योंकि ऊपर वाले पाटे को घूमने की स्वत्रंता होती है और नीचे वाले पाटे को ठहरे रहने की सजा ठीक इसी तरह से जिन रिश्तो को हम हक और आजादी देते है वो हमारी भावानाओ पर चक्की के ऊपर वाले पाटे की तरह व्यवहार करते है, और जिन से हम सिर्फ नाम भर का रिश्ता रखते हैं वो चक्की के दूसरे पाटे की भाँति व्यवहार करते है, जो समझते तो सब कुछ है किन्तु हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं होता उन्हे....और फिर हमारी भावनाए अनाज की तरह पिस कर तकलीफ का रुप ले चक्की के उन दोनो पाटो से बाहर निकल आती हैं #मेरी_कलम सरल है..!