तेरे कंगन तेरे कंगन की खनखन से चहका मेरा आँगन, बसंत सा तेरा आगमन दे गया नवजीवन, नवकोपल सी नाजुक बड़व्रक्ष सी मजबूत, जाने किस वेला तू बन गई मेरे घर की नींव मजबूत।। #अंकित सारस्वत# #तेरेकंगन