दिखाती है ये तमाशा, करती है ये दिखावा पैसों के दम पे, ना जाने आजाएं किसका बुलावा डिगरी है उनकी फऱजी, काम करने मे है उनको अर्जी नही चलेगी अब किसी की मर्जी, बंद करो ये अपनी खुदगर्जी। -sakshi chauhan #nojoto poems# quotes#nojoto photos #against corruption