जब से 'माँ' तू गयी ज़िन्दगी से दिल भी मिलता नहीं हर किसी से सास तो लेता हू मै भी जी भर के काम लेता हू मै अब बेखुदी से मांगने पर खुदा से मै एक बार मांग लू तुझको उसकी बन्दगी से तु गयी है तो बरकत भी मेरी हो गयी अफसूरडा मेरी खुशी से जीना बिन तेरे मुश्किल बोहत है चैन खोता है तेरी कमी से. Meri Maa Meri jannat Meri barkat Meri rehmat Uski shafqat Meri himmat Uski nisbat Meri shohrat