ताश के पत्तों सा बिखर गया सब फिर से सड़कों पर बंदूकों के साए हैं बाकी कुछ नहीं बदला है इस मुल्क में बस औरतों के अस्तित्व पर डरावने गहरे बादल छाए हैं फिर रहना होगा काली खामोशी में सहना होगा हर ज़ुल्म फिर दूर हो जाएगी शिक्षा, संगीत और ज़िन्दगी के खुशहाल तरन्नुम हर जंग में परोक्ष रहती हैं औरतें दुनिया में जंग पुरुष लड़ते हैं, पर खेत रहती हैं औरतें खेत रहती हैं औरतें #jayakikalamse #yqbaba #quotestitchers #yqquotestitchers #afganistan #midnightthoughts #YourQuoteAndMine Collaborating with Quote Stitchers