ज़रा गुफ्तगू करतें हैं, तो खुद को और जानते हैं, अच्छाइयां हो या बुराइयां, अपने आप को पहचानते हैं, गिला नहीं कोई वक्त से, ज़िंदगी बहुत कुछ सिखा रही, कभी बहुत नाज़ुक, तो कभी आत्मनिर्भर बना रही।। ©The Poemie https://thepoemie.com/2021/01/17/rubaru/ #hindi #poem