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कुछ तो कहा होता, ग़र तुमने हमसे..! ज़िन्दगी हाज़िर थ

कुछ तो कहा होता,
ग़र तुमने हमसे..!

ज़िन्दगी हाज़िर थी,
तुम्हारे लिए कसम से..!

सुख का समुन्दर,
उड़ेल देते तुम्हारे क़दमों में..!

ख़त्म करते बढ़ते हुए,
मन के ये सारे भ्रम से..!

न सहा होता तुमने,
न बहते ये आँसू..!

चाहत तुम्हारी है हमको प्यारी,
आज नहीं जानी है ये जन्म से..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #stilllife #kuchtokahahota