इक ख्वाब मेरा जो अधूरा था,अधूरा रह गया, हर छत पर बादल बरसे,प्यासा मेरा बसेरा रह गया..!! क्या कभी उस बादल ने ये सोचा खुद को थामकर, कि उसकी बदली से ओझल,यहाँ हर सवेरा रह गया..!! खुद तो बरसा निकल लिया फिर उस पुरवैया के साथ में, और उसकी यादों का दिल में,बस एक जखीरा रह गया..!! कि जाने की जल्दी में वो,ढंग से गुस्सा भी न कर पाया, आधी बातें कह कर भी,एहसास को पूरा कह गया..!! इक चाँद को पाने चले थे,टूटा तारा भी न पा सके, थी रोशन सारी कायनात,घर मेरे अँधेरा रह गया..!! अब लौटा लाया हूँ खुद को,अपनी मंजिल की राहों पर, ये राहें साथ चलेंगीं हरदम,बस यही सहारा रह गया..!! न होंगे अब मगरूर,भले ही चल के आये चाँद तो क्या, अब खुद को जला लिया हमने,अरमान चाँद का बह गया..!! अब नामुकम्मल सा "मतवाला" ,हर ख्वाब देखना छोड़ दिया, क्यूँकि, इक ख्वाब मेरा जो अधूरा था,अधूरा रहा गया..!! #अधूरा_ख्वाब #udquotes #yqhindi #yqbaba #yqdada #yqbhaijan #yqdidi