White कुछ कहानियां मुकम्मल हुई और कुछ अधूरी रह गई, और फिर दिसम्बर आ गया, देखते देखते साल के ग्यारह महीने बीत गये, और हम सोचते रह गये, वक्त, लोग, और रिश्ते सब कुछ कितना तेजी से बदल रहा, बस एक हम ही ख्वाहिशें लेकर वही के वही रह गये, खैर..... धीरे धीरे करके ये साल भी खत्म हो जाएगा, मेरी सारी अधूरी ख्वाहिशों के साथ, ©Ak.writer_2.0 #Sad_Status Sonia Anand