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संत ना छाडै संतई- जो कोटिक मिले असंत । चन्दन भुवंग

संत ना छाडै संतई- जो कोटिक मिले असंत ।
चन्दन भुवंगा बैठिया-तऊ सीतलता न तजंत ।

सज्जन पुरुष किसी भी परिस्थिति में अपनी सज्जनता नहीं छोड़ते चाहे कितने भी दुष्ट पुरुषों से क्यों ना घिरे हों, ठीक वैसे ही जैसे चन्दन के वृक्ष से हजारों सर्प लिपटे रहते हैं लेकिन वह कभी अपनी शीतलता नहीं छोड़ते !

🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सज्जनता
संत ना छाडै संतई- जो कोटिक मिले असंत ।
चन्दन भुवंगा बैठिया-तऊ सीतलता न तजंत ।

सज्जन पुरुष किसी भी परिस्थिति में अपनी सज्जनता नहीं छोड़ते चाहे कितने भी दुष्ट पुरुषों से क्यों ना घिरे हों, ठीक वैसे ही जैसे चन्दन के वृक्ष से हजारों सर्प लिपटे रहते हैं लेकिन वह कभी अपनी शीतलता नहीं छोड़ते !

🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सज्जनता

सज्जनता #समाज