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बद कमरे में, थोड़ी सी खिड़की खुली, आती भोर की, तेज

बद कमरे में,
थोड़ी सी खिड़की खुली,
आती भोर की,
तेज उर्जावान किरणें।
उसके बदन‌ के,
स्पर्श का एहसास देती।
मै उसकी याद में खो जाता,
जैसे उसको बाहों में,
कर रखा हो कैद।

©Anil Kumar Jaswal
  #बाहोंमें  heartlessrj1297 Praveen Storyteller gaTTubaba Sudha Tripathi VED PRAKASH 73