एक छोटी सी गुङिया बङी चंचल सी बैठी थी अपने घरौंदे में पास के घरौंदे में बैठा था एक वैसा ही खिलौना देख रहे थे सपने इंसानो से शायद भूल गए थे उनके वो हाथ नहीं तोङ सके वो बेङिया जो दे दी थी इंसानो ने और रह गए फिर अपने ही घरौंदो में एक बंधि सी गुङिया .......................................Haana # ek bndhi si gudiya ##Haana#