उम्मीदों के दामन में जिस आज़ादी को पाया था.! सलामत रखना उसे इसे बड़ी मुश्किल से पाया था.!! ना कोई हिंदू ना मुलसमान ना सिख ना ईसाई था.! वो वीर सिपाही हिन्दुस्तान का आपस में भाई था.!! क्या जवानी क्या बुढ़ापा सब आज़ादी का दीवाना था.! हर जिगर में जोश था आँखों का एक खवाब था.!! बहन ने भाई की कलाई पर बाँध राखी आज़ादी थी माँगी.! माँ ने दूजी माँ का कर्ज़ चुकाने का वादा लिया था.!! अफ़सोस होता है आज वतन की हालत देख कर .! क्या इसी दिन के खातिर शहीदों ने खून क़ुरबान किया था.!! 🇮🇳🇮🇳 #Republic_India #happy republic day jai hind 🇮🇳