ये जो शहतीर है पलकों पे उठा लो यारों
अब कोई ऐसा तरीका भी निकालो यारों
दर्दे—दिल वक़्त पे पैग़ाम भी पहुँचाएगा
इस क़बूतर को ज़रा प्यार से पालो यारों
लोग हाथों में लिए बैठे हैं अपने पिंजरे
आज सैयाद को महफ़िल में बुला लो यारों #Shayari#dushyantkumar#best_poetry#electiontime