**पतंग तो गैरों के हाथ में रहती है उसका खुद पर बस होता तो वो कटती क्यों परिंदों के लिये आकाश को छोड़ दो यारों क्यों न इंसानियत की ख़ातीर, हर किसी का आसमान बचा लिया जाय**..!!NAJ📝 #NAJ