जिन्हे आँखों में बिठाया आज आँखों से उतर गये। दिल की चाहत जगाई आँखों में धूल झोंक कर जाने किधर गये। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी जिन्हे आँखों में बिठाया।