मुसाफ़िर अकेला था, मंज़िल, दूर ना जाने कहां खो गई

मुसाफ़िर अकेला था,
 मंज़िल, दूर ना जाने कहां खो गई है।
सफर कठिनाइयों भरा था, 
हिम्मत बढ़ कर, कम क्यों हो गई है।
खुद को ज्यादा दिनों से,
समझा नहीं हूं मैं।
लगता है खुद को, खुद से
 दुश्मनी सी हो गई है #Nozoto #life #Shayri #motivation #newchallange #gurgaon #Delhi #famous #dastaaneishq #republic day
मुसाफ़िर अकेला था,
 मंज़िल, दूर ना जाने कहां खो गई है।
सफर कठिनाइयों भरा था, 
हिम्मत बढ़ कर, कम क्यों हो गई है।
खुद को ज्यादा दिनों से,
समझा नहीं हूं मैं।
लगता है खुद को, खुद से
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