हंसने भी नहीं देते,रोने भी नहीं देते होकर भी दूर हमसे,ग़ैर होने नहीं देते तेरी आँखों में दिख रहा है,बेबसी का एक मंज़र कहते भी कुछ नहीं हो,चुप रहने भी नहीं देते जब वास्ता नहीं है रखना,तो फिक्र किस लिए है तेरी आँखों में हमारा,अब ज़िक्र किस लिए है जाना तो है हमें भी,एक दिन यहां से तारों के टूटने से,फिर इश्क किस लिए है रास्तों को बदलने से,तक़दीर नहीं बदलती ना हुए तुम हमारे,किसी का होने भी नहीं देते जिएं तो जिएं फिर,कैसे तुम बता दो ख्वाबों में रोज़ आकर,हमें सोने भी नहीं देते... © abhishek trehan #हंसना #रोना #ज़िंदगीकासफ़र #इश्क़ #हमसफ़र #शायरी #कविता #गज़ल