Nojoto: Largest Storytelling Platform

तू... स्वयं, स्वयं का भाग्य बन, स्वयं, स्वयं का ईश

तू...
स्वयं, स्वयं का भाग्य बन,
स्वयं, स्वयं का ईश बन,
उठा हर अस्त्र-शस्त्र तू,
प्रलय का ग्रास ना बने।।

तू पार्थ है, बस युद्ध कर,
अजेय तू, संकल्प भर,
दिशाविहीन मार्ग पर,
न चल तू लक्ष्य साधने।।

चन्द्र सा तू दीप्तमान,
सूर्य का तू तेज बन,
गांडीव है सामीप्य में,
बढ़ा तू हाथ, थामले।।

योग! चक्र! धार उठ,
तू काल से महाकाल लड़,
ध्वस्त कर तू अड़चनें,
सृष्टि कष्ट दूर कर।।

पाताल-स्वर्ग एक कर,
वियोग शोक दूर कर,
उठा हर अस्त्र-शस्त्र तू,
प्रलय का ग्रास ना बने।।

©Tara Chandra Kandpal #अर्जुन
#apjabdulkalam
तू...
स्वयं, स्वयं का भाग्य बन,
स्वयं, स्वयं का ईश बन,
उठा हर अस्त्र-शस्त्र तू,
प्रलय का ग्रास ना बने।।

तू पार्थ है, बस युद्ध कर,
अजेय तू, संकल्प भर,
दिशाविहीन मार्ग पर,
न चल तू लक्ष्य साधने।।

चन्द्र सा तू दीप्तमान,
सूर्य का तू तेज बन,
गांडीव है सामीप्य में,
बढ़ा तू हाथ, थामले।।

योग! चक्र! धार उठ,
तू काल से महाकाल लड़,
ध्वस्त कर तू अड़चनें,
सृष्टि कष्ट दूर कर।।

पाताल-स्वर्ग एक कर,
वियोग शोक दूर कर,
उठा हर अस्त्र-शस्त्र तू,
प्रलय का ग्रास ना बने।।

©Tara Chandra Kandpal #अर्जुन
#apjabdulkalam
tarachandrakandp6970

Tara Chandra

Bronze Star
New Creator