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सारी उम्र हसरतों को तमाम करता रहा मैं बड़ी शिद्दत

सारी उम्र हसरतों को तमाम करता रहा
मैं बड़ी शिद्दत से यह काम करता रहा

ख़ानाबदोश यहाँ-वहाँ घूमता रहा जहान में,
बैठा किसी कोने में एक शाम करता रहा।

आँखों से जो छलकता रहा ज़िंदगी भर का गम,
मैं उसे ही पैमाने में भर-भरकर जाम करता रहा।

एक ही दिल-ए-ख़्वाहिश थी उनकी मेरे नासूर को कुरेदना,
मैं ख़ुद नमक छिड़क हर कोशिश को नाकाम करता रहा 

आवाज़ों के जंगल में में गुम होती कहीं मेरी आवाज़ थी,
थमा कर खंजर उनके हाथों खुद को बेज़बान करता रहा।

आरज़ू लेकर राह-ए-ज़िंदगी चल रहे थे लोग नाम की,
मैं लम्हा-दर-लम्हा ख़ुद को 'अनाम' करता रहा। ख़्वाहिशों का पुलिंदा रहता है उम्र भर,
एक यही ज़ख़ीरा साथ रहता है उम्र भर।


#अनाम 
#अनाम_ख़्याल
#lifequotes
#innervoice
सारी उम्र हसरतों को तमाम करता रहा
मैं बड़ी शिद्दत से यह काम करता रहा

ख़ानाबदोश यहाँ-वहाँ घूमता रहा जहान में,
बैठा किसी कोने में एक शाम करता रहा।

आँखों से जो छलकता रहा ज़िंदगी भर का गम,
मैं उसे ही पैमाने में भर-भरकर जाम करता रहा।

एक ही दिल-ए-ख़्वाहिश थी उनकी मेरे नासूर को कुरेदना,
मैं ख़ुद नमक छिड़क हर कोशिश को नाकाम करता रहा 

आवाज़ों के जंगल में में गुम होती कहीं मेरी आवाज़ थी,
थमा कर खंजर उनके हाथों खुद को बेज़बान करता रहा।

आरज़ू लेकर राह-ए-ज़िंदगी चल रहे थे लोग नाम की,
मैं लम्हा-दर-लम्हा ख़ुद को 'अनाम' करता रहा। ख़्वाहिशों का पुलिंदा रहता है उम्र भर,
एक यही ज़ख़ीरा साथ रहता है उम्र भर।


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