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ठकुराइन... पृथ्वी की एक तीसरी गति भी होती है जिसके

ठकुराइन... पृथ्वी की एक तीसरी गति भी होती है जिसके
कारण वह 26000 वर्ष में अलग अलग नक्षत्रों की परिक्रमा कर
अपनी धुरी यानि ध्रुव तारा बदलते रहती है..

सब कुछ चलय मान है.... कुछ भी स्थिर नहीं...
प्रवाह है जीवन... जो अभी है वो फिर नहीं...

#RESET
#SETTING LEVEL -OPTIMUM

©सदैव