भीड़ में भी तनहा जिंदगी हैं, आरज़ू संग और बिन भी स

भीड़ में भी तनहा जिंदगी हैं,
आरज़ू संग और बिन भी
समझो तो हर लम्हा जिंदगी हैं,
सफर की थकावट हो या हो 
गंतव्य तक पहुंचने की ख़ुशी
जी कर देखो हर लम्हा जिंदगी हैं
आँखों में नींद कभी नींद की कमी है
कोई परेशान की स्थिति गमगीन हैं
सोचो तो हर लम्हा जिंदगी हैं
बारिश की रिमझिम कभी पतझड़ नसीब हैं
धरती से पूछा वो इसकी भी मुरीद है
ख़्वाहिश पूरा होने पर तो सब पूजनीय है
जहाँ भक्ति अनुपम वहाँ नहीं प्रतिबंध है
सम रहना हर लम्हा जिंदगी हैं 
तारीफ़ के दौर में तो खुश सभी
जो आलोचना के दौर में भी हँसकर मौन हैं
धैर्य रहना भी तो जिंदगी है।

©Priya Gour
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#27april 5:23
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