सबकुछ तो हासिल है, फिर ये बेचैनी सी क्या है.... मंज़िल तो साहिल पे है, फिर लहरों पे रवानी सी क्या है.... #सबकुछ #हासिल #बेचैनी #मंज़िल #साहिल #लहर #रवानी