ठहर जाये हर वो पल जब तू मेरे रूबरू आये खिल उठे ये सारी कलिया जब कभी तू मुस्कुराये रुक सी जाती है ये धड़कन हमारी जो कभी तू हमसे रूठ जाये तड़प जाती है ये नजरें हमारी जो कभी तू हमें नजर न आये बड़ी सराफत के साथ सर झुका कर हम तुम्हे है मनाने आये अब नही सही जा रही है आपकी ये नाराजगी हमसे रहम करके आप हम पर थोड़ा सा ही सही मगर मुस्कुराये शगुन मौर्या ©shagun maurya श्री श्याम दीवानी शगुन #lovebirds