सच कहूँ तो अब वो याद नही आती और आती भी है तो मन को नही भाती इसका मतलब यह नही कि मैने उसे चाहा नही, पर अब यह चाह मेरे दिल को नही लुभाती। क्योंकि मैं खुद को काम में लगाये रखता हूँ। अपने जज्बातों को दिल से भगाए रखता हूँ। खैर कुछ भी हो पर अब मैं उबर चुका हूँ उसे खोने के सदमे से... लेकिन उबर नही पा रहा हूँ इस बेवफाई के मुकदमे से... कोई तो आपकी नजर में होगा जो मेरी बेगुनाही की वकालत कर सके। ज़ी सकू फिर से बिना किसी बोझ के, मेरी कुछ ऐसी हालत कर सके। मैं तो ढूढते ढूढते थक गया हूँ अगर तुम्हें मिले तो जरूर बताना। सोचना मत मिलने पर उसे सीधा मेरे दरवाजे पर लाना। अगर जी पाया तो मैं तुम्हारा ज़िन्दगी भर कृतघ्न रहूंगा, और तुम मेरी कहानी फिर औरों की भी सुनाना। धन्यवाद! मुकदमा #मुकदमा #वकालत #नोजोतो ३₹#nojoto #hindipoetry