बिगड़े दिमाग़ की परेशानी है जंग, गुरूर की बदनुमा शैतानी है जंग ! शख्स के अहम की मनमानी है जंग , इंसानियत खोने की निशानी है जंग !! जंग से हासिल क्या होगा जीत से हासिल क्या होगा विध्वंस ही होगा चहुँ ओर विनाश से हासिल क्या होगा धरती कांप उठेगी प्यारी सृष्टि मिट जायेगी सारी सांसो का बाज़ार लगेगा लाशों का अंबार लगेगा