भगवान राम सिर्फ नाम नही एक भाव है ,ताउम्र भगवान राम ने बाह्य आडम्बरों से दूर हो साधारणतया जीवन यापन किया । उनका धेय्य शासक ओर प्रजा में समन्वय का था । वे आस पास के राजा महाराजों को भी एक समान अधिकार से रखते थे। किसी भी कार्य हेतु राय मशवरा किया जाता था ।वर्तमान परिपेक्ष्य में ये सब असम्भव सा लगता है । अब राजनीति में धर्म नही है ,धर्म की राजनीति हो रही है ।उम्मीद है राम के नाम पर अब वोट नही मांगे जाएंगे ,राम ने जैसा काम किया वैसा काम करने के बारे मे सोचा जाएगा। सभी को राम मंदिर शिलान्यास की शुभकामनाएं । जिसका रचना चाँद-तारे ये ज़मीं और आसमाँ उसका मंदिर तुम बनाओगे अमॉं सोचो जरा । निजी विचार । #राममंदिर #yqbaba #yqdidi #ayodhya #nooffence #siyaram